महिलो बोगी के सबसे लास्ट और पुरुष बोगी के सबसे शुरुआत;जब मेट्रो हिचकोले खाती तो दो बोगी के जोड़ पर बैठे हम भी और करीब आ जाते। नजदीकी के इन्हीं क्षणों में,एक बार मैंने उससे पूछा ' अच्छा!एक बात बताओ ' ' पूछो !'। उसने ' अफीम सागर' से आँखें हटाते हुए कहा । ' तुमने इश्क में शहर होना पढ़ी हैं ?' ' नहीं !! मैंने ' इश्क कोई न्यूज़ नहीं ' पढ़ी हैं ' 'पर इश्क तो न्यूज़ हैं !!' मैंने तपाक से तर्क शुरू कर दिया था । 'अच्छा ! कैसे ?' वह मुस्कुराई और अमिताभ घोष को समेटते हुए बोली। ...