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Showing posts from June, 2017

भूटान यात्रा (भाग-०६)

जब हमें एक भारतीय ने लताड़ा तकरीबन छह घंटे के सफर के बाद हम रात के साढ़े नौ बजे थीम्फू में उतरे थे।उतरने के तुरंत बाद ही हमारे सामने कई प्राथमिक चुनौती थी।मसलन होटल ढूंढ़ना, ठंडी के कपड़े खरीदना,और फिर खाना खाना। ऐसा लग रहा था सब कहीं एक जगह ही हो जाये तो कितना अच्छा हो।पर ऐसा नहीं ही हुआ।हमें बस स्टैंड से होटल ढूंढ़ने तक में ही लगभग आधे घंटे से ज्यादा लग गए।होट ल ढूंढ़ने के दौरान हमने एक भारतीय का सहारा लेना चाहा पर उन्होंने हमें यह कह कर लताड़ दिया कि हमने Make My Trip का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? उन्होंने हमें साफ कह दिया कि इस समय होटल नहीं मिलेगा। हमारे पास बहस करने का टाइम नहीं था। दरअसल भूटान में एक नियम है कि रात के दस बजे के बाद दुकान वैगरह बंद कर दिए जाते है।बाहर घूमना भी सेफ नहीं होता क्योंकि उस वक्त ड्रग एडिक्टेड युवा सड़को पर अपनी गुंडागर्दी दिखा सकते है। photo : ACP फाइनली हमें एक होटल मिल गया और हमनें वह भी न मिले इस ख्याल से अन्य एक दो होटल जाने के बाद ही उसे बुक कर लिया।इतनी ठंड थी कि पानी छूने का इरादा नहीं हो रहा था।फिर भी फ्रेश होकर हम बाहर आ गए।थीम्फू की संरचना किसी

भूटान यात्रा (भाग-५)

भूटान सड़क मार्ग से जाते वक्त दो बार हाईवे पे कड़ी सुरक्षा-जांच से गुजरना होता है।मसलन एक ही बस में यात्रा कर रहे मेरे एक सहयात्री के पास एक खिलौना था जिसे पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि आखिर यह है क्या, इस कारण हमारी गाड़ी को काफी देर तक रोका गया। इसके बाद हमें कहीं भी सुरक्षा-जाँच का सामना नहीं करना पड़ा।यहाँ तक कि थीम्फू में पार्लियामेंट वाले एरिया में भी। फ़ोटो : ACP #ACP_in_Bhutan 

भूटान यात्रा (भाग-४)

कल शाम को मुझे पुलिस ने रोक लिया।उन्होंने थोड़ा बहुत डाँटा भी।मैं जहाँ रोड क्रॉस कर रहा था उससे लगभग 500 मिटर की दूरी पर जेब्रा क्रोसिंग थी और मुझे उधर से ही जाना चाहिए था। Photo : ACP यहाँ ट्रैफिक नियम काफी सख्त है।पकड़े जाने पर दंड का प्रावधान है।जगह-जगह पर रोड पार करने के लिए जेब्रा-क्रोसिंग बनी है और जैसे ही कोई जेब्रा-क्रोसिंग किनारे खड़ा होता है,गाड़ी वाला स्वंय गाड़ी रोक देता है।और ऐसा करते हुए वह इरिटेट भी नहीं होता।कल जिस टैक्सी में बैठा था, देखा कैसे वह स्वाभाविकतः जेब्रा क्रोसिंग पर गाड़ी रोक देता है।सभी नियम बेहद सामान्य तरीके से फॉलो किये जाते है।कहीं कोई नियम बोर्ड नहीं लगा है।नियम भी इतने सहज है कि पालन कर लिए जाते है। #ACP_in_Bhutan

भूटान यात्रा (भाग-३)

कितनी ठंडी है यहाँ ! फुन्सलिंग से थीम्फू 172 किमी दूर है।और इस दौरान गाड़ी लगभग ऊपर की ओर चढ़ती है।लास्ट टाइम जब कोलकाता में थिम्पू का टेम्परेचर चेक किया था तो सामान्य ही लगा सो कोई ठंड का कपड़ा नहीं लिया।पर अब ठंड से बदन कपकपा रहा है।सो जल्दी ही मुझे यहां एक जैकेट खरीदना होगा। थिम्पू तक आने के लिए जो सड़क मार्ग है वो बेहद खतरनाक व दिलचस्प है।आप सोचते रह जाएंगे कि आखिर हिमालय को काट-काट कर ये सड़क बने कैसे होंगे।जगह-जगह रुक कर यूँ ही वाटर फॉल देखते रहने  का मन करता है तो कहीं कहीं लगता है हिमालय की गोद में बैठा रह जाऊँ।बादल को पहली बार इतना नजदीक देख रहा हूँ,जैसे आज उनसे मिलना हो रहा हो। फ़ोटो : ACP  मौसम इतना शानदार है कि हवाओं से ही एक खास प्रकार की ऊर्जा महसूस होती है।भूटान की खूबसूरती ही प्रकृति से है इसलिए उसने प्रकृति की छेड़छाड़ को लेकर कड़े कानून बना रखे है।यह एक आवश्यक कदम है जो भूटान की लंबी उम्र में सहायक होगी। फिलहाल मेरा तो मन है कि यहीं कुछ ज्यादा दिनों तक रुक जाऊँ पर हमें पाँच दिनों का ही परमिट मिल पाया है।और फिर परमिट लेने का प्रक्रिया बड़ा ही इरिटेटिंग है।जिसपे

भूटान यात्रा (भाग-२)

SRFTI का विकास और हमारा जुगारूपन किसी शहर को जानने का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है उसको जागते हुए देखना।और वैसे भी कोलकाता में गर्मी बहुत ज्यादा है।पसीने बहाने वाली गर्मी।इसलिए सुबह निकल जाना ही ज्यादा उपयुक्त था।यहाँ आने के बाद SRFTI घूमना पहली प्राथमिकता में थी।इसलिए आज सुबह ही थोड़े लेट से हम पीली टैक्सी से SRFTI के गेट पर पहुंच गए। पर गेट से अंदर जा पाना एक अलग चुनौती थी।गार्ड ने हमसे कहा कि किसी स्टूडेंट को बुलाओ,उसके  कहने के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जा सकता है।दूसरा कोई विकल्प नहीं है।हम किसी भी ऐसे स्टूडेंट्स को नहीं जानते थे जो हमें प्रवेश दिलाने में मदद कर सकें।फिर भी हमने कहा कि हम विकास को जानते है पर अभी उससे कांटेक्ट नहीं पा रहा।एक्चुअली हमलोग फेसबुक फ्रेंड है। गार्ड के चेहरे पर रौनक आयी।और वह चहकते हुए बोला विकास तो शूटिंग कर रहा है।इसलिए फ़ोन नहीं उठा रहा होगा।तभी अंदर से दो छात्र वहां आकर रुके।गार्ड ने उनसे कहा कि अरे जरा विकास को कॉल करना और इनसे बात करवा देना।हमें लगा,यार अब तो फंस गए।विकास का नाम निशांत के मुंह से इतेफ़ाकन ही निकल गया था।पर संयोग से विकास का क

भूटान की ओर (भाग-०१)

निशांत ( Nishant ) सो रहा है।बाहर से आती इतनी अच्छी हवा में नींद आ जाना स्वाभाविक ही है।अक्सर लोग यात्रा में शायद इसी वजह से सो जाते हो।पर मैं नहीं सो पाता।विंडो सीट से पीछे छूटती दृश्य को देखना और नए जगह पहुँचने के बाद कि जिज्ञासा से मैं भरा रहता हूँ।अपनी अधिकतम रफ्तार में भागती यह ट्रेन बहुत सी छोटी-छोटी स्टेशनों पर हॉर्न बजाती हुई तेजी से निकल जाती है,उन स्टेशनों पे भी तो लोग किसी ट्रेन का इंतजार करते होंगे। Photo : ACP सम्भवतः कल शाम तक यह ट्रेन हमें कोलकाता पहुँचा देगी।अभी तक कोलकाता  में हमें दो होस्ट मिले थे जिनमें से एक ने अभी दो दिन पहले ही हमें होस्टिंग करने में अपनी असमर्थता जताया। हमारे दूसरे होस्ट विनीत है।वे पेशे से एक इंजीनियर है।व एक वक्त पे एक ही व्यक्ति को होस्ट करते है।इसलिए हमें कोई और विकल्प भी ढूंढ़ना होगा।वैसे हमने कुछ अन्य लोगों को भी होस्ट करने का रिक्वेस्ट भेजा है।देखते है कल शाम तक कोई और होस्ट भी मिल ही जायेगा। #ACP_in_Bhutan