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Showing posts from October, 2018

अपने-अपने प्रश्न।

"और उस रात हुआ क्या था अयान, ठीक से याद भी तो करो। लंबी दूरी से भटकता आया मार्को की आंख ही तो लग गयी थी। और इसी बीच वो जंगली सांप आकर उन्हें काट खा गया।" "हां, पर..." "हां, पर क्या! नेचर का सबसे प्योर फॉर्म हमें आकर्षित तो करता ही है आयन। देखो न वॉटरफॉल को देखकर हम कितने खुश होते है। या घना जंगल मे भटकना हो या नदी किनारे बैठना सबकुछ हमें ऐसा लगता है जैसे यहीं बैठे रह जाएं और देखते रहे।" "तुम सही कहती हो। पर क्या तुम्हारा ये मतलब है कि हमें एक्सप्लोर नहीं करना चाहिए।" "मतलब क्या है, ये मैं कैसे कह सकती हूं अयान। ये तो तुम पे है कि तुम क्या समझ रहे हो। तुम्हें घूमना पसन्द है। ऐसे ही निकल जाना और भटकते रहना पसंद है, मैं इसको लेकर जजमेंटल नहीं हूं। हो सकता है तुम कुछ तलाश रहे होंगे और वहीं तलाश तुम्हें भटकाता है। तुम्हें इस शहर से दूर ले जाता है। कई बार हमें यह भी तो नहीं पता होता न कि हम भटक क्यों रहे है? हमारी तलाश आखिर है क्या?" "फिर भी, मैं भटकते रहना चाहता हूं। बिन वजह भी तो भटकाव हो सकती है।" "बिल्कु