परीक्षा के परिणाम आ गए थे;मैंने पूरे सौ प्रतिशत अंक प्राप्त किए।मुझे अपने स्कूल में बुलाया गया,वहाँ जहाँ कल तक स्कूल के सभी शिक्षक मुझे जानते तक नहीं थे और आज सभी मेरी प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे।खुद कभी अपने कार्यालय से बाहर न निकलने वाले प्रधानाध्यापक ने मुझे आगे आकर बच्चों के सामने कुछ बोलने को कहा।हजार से ज्यादा अलग-अलग कतार में खड़े बच्चों ने मेरे माईक थामते ही जोरदार तालियों से मेरा स्वागत किया।मानो मैंने सौ प्रतिशत से भी ज्यादा अंक प्राप्त किए हो।
मैनें बच्चों के सामने कुछ न बोल पाने की असमंजस को तोड़ते हुए लम्बा स्पीच दिया जिनमें ज्यादातर बातें यहां-वहां से सुनी हुई या फिल्मी थी।बीच-बीच में मैं रुक जाता जब बच्चे तालियां बजाने लगते।हालांकि मैं ये नहीं तय कर पाता कि वे मेरे किस तथ्य पर तालियाँ बजा रहे हैं।
मैनें बच्चों के सामने कुछ न बोल पाने की असमंजस को तोड़ते हुए लम्बा स्पीच दिया जिनमें ज्यादातर बातें यहां-वहां से सुनी हुई या फिल्मी थी।बीच-बीच में मैं रुक जाता जब बच्चे तालियां बजाने लगते।हालांकि मैं ये नहीं तय कर पाता कि वे मेरे किस तथ्य पर तालियाँ बजा रहे हैं।
उन शिक्षकों की आँखों में भी मेरे प्रति गर्व का भाव था जो मुझे स्कूली दिनों में बदमाशों की श्रेणी में रखते;मैं उन्हें तिरछी नजरों से देख लेता।कल तक मेरी कोई नहीं सुन रहा था और आज पूरा स्कूल मुझे गौर से सुन रहा था,इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या बोल रहा था।
अपने पिछले दस वर्षों के इस स्कूल में आज पहली बार मैं खुद के प्रति सम्मान महसूस कर रहा था;आज यहाँ बच्चों की आँखों में मेरे प्रति सम्मान दिख रहा था,शिक्षकों की आँखों में और तो और यहाँ की सम्पूर्ण वातावरण में मैं खुद के प्रति सम्मान महसूस कर रहा था।
अपने पिछले दस वर्षों के इस स्कूल में आज पहली बार मैं खुद के प्रति सम्मान महसूस कर रहा था;आज यहाँ बच्चों की आँखों में मेरे प्रति सम्मान दिख रहा था,शिक्षकों की आँखों में और तो और यहाँ की सम्पूर्ण वातावरण में मैं खुद के प्रति सम्मान महसूस कर रहा था।
स्कूल में भव्य विदाई उत्सव के बाद मुझे प्रधानाध्यापक के सम्मानित BMW से घर तक सम्मानित भाव से छोड़ दिया गया।पापा-मम्मी की आँखों में आज जबरदस्त अजनबी भाव था जिसे पढ़ पाना लगभग नामुमकिन था।दोस्तों के काॅल लगातार आ रहे थे तो वहीं घर में मम्मी-पापा के दोस्तों का ताता लगा हुआ था जो मेरे सर पर हाथ फेरने को उत्सुक थे और मेरे आगे की जीवन पर तरह-तरह की भविष्यवाणीयां कर रहे थे।
फेसबुक पर 20 लड़कियों ने मेरा फ्रेन्ड रिकवेस्ट ऐक्सेप्ट कर लिया था और मेरे पास ढ़ेरो रिकवेस्ट आने लगे थे;फिलहाल मैंने चुनिन्दा रिकवेस्ट ही ऐक्सेप्ट किया बाकी को 'नाॅट नाउ' में जाने दिया।ट्विटर मैं नहीं चलाता सो पता नहीं वहाँ क्या हो रहा होगा पर गुगल पर भी मैं खोजा जाने लगा था।हालांकि मेरी प्रोफाइल विकिपीडिया पर तो नहीं थी पर लोग गुगल के माध्यम से मेरे फेसबुक प्रोफाइल पर आ जाते;अगले दो दिनों में ही मेरे प्रोफाईल पर इतने फ्रेंड रिकवेस्ट आए कि मुझे मेरे प्रोफाइल को पेज में बदलना पड़ा जिसपे तुरंत हजारों लाइक आ गए।
मैंने अपने पेज पर स्कूली दिनों के अनुभव शेयर किए;हालांकि मैंने उन्हीं अनुभवों को लिखा जो ऐसे अवसर पर लिखे जाते हैं।लोग मुझसे मेरी सफलता की मंत्र पूछ रहे थे,मैं क्या कहता उन्हें;मैंने भी वहीं कहा जो कल तक मैं किसी और सफल व्यक्ति से सुना करता था।
फेसबुक पर 20 लड़कियों ने मेरा फ्रेन्ड रिकवेस्ट ऐक्सेप्ट कर लिया था और मेरे पास ढ़ेरो रिकवेस्ट आने लगे थे;फिलहाल मैंने चुनिन्दा रिकवेस्ट ही ऐक्सेप्ट किया बाकी को 'नाॅट नाउ' में जाने दिया।ट्विटर मैं नहीं चलाता सो पता नहीं वहाँ क्या हो रहा होगा पर गुगल पर भी मैं खोजा जाने लगा था।हालांकि मेरी प्रोफाइल विकिपीडिया पर तो नहीं थी पर लोग गुगल के माध्यम से मेरे फेसबुक प्रोफाइल पर आ जाते;अगले दो दिनों में ही मेरे प्रोफाईल पर इतने फ्रेंड रिकवेस्ट आए कि मुझे मेरे प्रोफाइल को पेज में बदलना पड़ा जिसपे तुरंत हजारों लाइक आ गए।
मैंने अपने पेज पर स्कूली दिनों के अनुभव शेयर किए;हालांकि मैंने उन्हीं अनुभवों को लिखा जो ऐसे अवसर पर लिखे जाते हैं।लोग मुझसे मेरी सफलता की मंत्र पूछ रहे थे,मैं क्या कहता उन्हें;मैंने भी वहीं कहा जो कल तक मैं किसी और सफल व्यक्ति से सुना करता था।
मजा तो अब आ रहा था लाईफ में,सोसाइटी वाले बड़े सम्मान देने लगे थे।चिन्टू,गोलू,नेहा,डाॅली,भोला व कई आस पड़ोस के बच्चे मेरे पास ट्यूशन पढ़ने आने लगे।माँ भी बड़ी खुश होती,वो तो बच्चों को कुछ न कुछ खिला कर ही वापस भेजती।तकरीबन एक घंटे तक माँ घर के छोटे से मन्दिर जिनमें लगभग सभी देवता बैठे थे, के सामने पूजा पाठ करती फिर पापा जोड़ से लम्बा शंख फुकते।
कई प्रसिद्ध ट्यूशन इंस्टिट्यूट से मुफ्त क्लाश के आॅफर आए।मैं बड़ा ही कन्फ्यूज हो गया था उनमें चुनाव को लेकर।खैर,एक इंस्टिट्यूट मैंने इस शर्त पर ज्वांन कर लिया कि वह मुझे रोज क्लाश आने का दबाव नहीं डालेगा।फिर कई प्राईवेट कम्पनीयाँ जाॅब भी आॅफर कर रही थीं।चूंकि अब स्टार तो बन ही गया था सो बेकार की अध्ययन में लगे रहने की अपेक्षा मैंने जाॅब पकड़ लेना ही उचित समझा।अब करता भी क्या।दोस्त यार के बीच खर्च करने जो पड़ते।
अन्ततः दो महीने के ट्रेनिंग के बाद काॅल सेंटर में मैं कार्यरत हो गया।चूंकि काॅल सेन्टर में काम करना मेरे लिए नवीनता से भरा था जो कुछ दिनों में ही एक खास ढ़र्रा का लगने लगा।धीरे-धीरे मैं वहाँ बोरिंग फिल करने लगा और जब तक कि मैं एकदम से उब जाता,उससे पहले काॅल सेन्टर से कामिनी का रिंग मेरे बोरिंग से लाईफ में बजी।
कुछ ही दिनो में हमारे संबंध ने एक मुकाम पा लिया।मम्मी-पापा की सहमति से तकरीबन छह महीने बाद हमारी शादी पक्की हो गई।कामिनी चाहती थी कि हम हनीमून के लिए पेरिस जाए।
क्यों? मैंने कभी पूछा नहीं;दरअसल स्कूली दिनों से ही प्रश्न पूछने की आदत नहीं थी।
कुछ ही दिनो में हमारे संबंध ने एक मुकाम पा लिया।मम्मी-पापा की सहमति से तकरीबन छह महीने बाद हमारी शादी पक्की हो गई।कामिनी चाहती थी कि हम हनीमून के लिए पेरिस जाए।
क्यों? मैंने कभी पूछा नहीं;दरअसल स्कूली दिनों से ही प्रश्न पूछने की आदत नहीं थी।
पापा ने हमारी फ्लाईट टिकट बुक करा दिए।
पेरिस में यह हमारी पहली रात थी;वह एक दम वेस्टर्न लुक में थी पर अदा बिल्कुल भारतीय ही।मैंने कमरे की लाईट आॅफ कर दिया और अपने होठ उसकी होठ की ओर बढ़ाया।वह खामोश थीं।मैं नजदीक गया और नजदीक।
नहीं,बिल्कुल पास जहाँ हमारे बीच नगण्य दूरी थी और मैंने अपना होठ उसकी होठ पर.......................।
ओह !! सिट।ये क्या हुआ।।
नहीं,बिल्कुल पास जहाँ हमारे बीच नगण्य दूरी थी और मैंने अपना होठ उसकी होठ पर.......................।
ओह !! सिट।ये क्या हुआ।।
ये क्या, मैंने अपने बदन पर जोरदार पानी का बहाव अनुभव किया।
मेरी निंद खुल गई थी।मैंने माँ को हाथ में बाल्टी लेकर बोलते जाते हुए सुना-'इतनी देर तक भी कोई सोता हैं।जाओ मंदिर और भगवान के दर्शन कर आओ!! आज तुम्हारी रिजल्ट आने वाली हैं न'।
मेरी निंद खुल गई थी।मैंने माँ को हाथ में बाल्टी लेकर बोलते जाते हुए सुना-'इतनी देर तक भी कोई सोता हैं।जाओ मंदिर और भगवान के दर्शन कर आओ!! आज तुम्हारी रिजल्ट आने वाली हैं न'।
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