वह राधिका थीं और अक्सर हम उसके नाम के पीछे आप्टे लगा दिया करते।यानी राधिका आप्टे।वह बस बिना कुछ बोले तिरछी नजरों से देख लिया करती और शायद इसी वक्त वह अधिक बोल रही होती।हमने कभी उसे बोलते हुए नहीं सुना;कभी नहीं।वह क्लास में नई थीं तब भी नहीं और आज भी नहीं।चुपचाप क्लास के निर्धारित समय पर आती और तय समय पर चली जाती।सभी कहते कि बड़ी ही एट्यूटूड हैं उसमें।कभी किसी से बात ही नहीं करती।पर शायद हममें भी एट्यूटूड था कि हम उसके पास कभी नहीं गए।वह क्लास में अक्सर पीछे बैठा करती।न शिक्षक कुछ उ...
चप्पा-चप्पा...मंजर-मंजर...