photo - #ACP 【बचपन के दुःख】 वैसे तो हम सारा दिन ही, विद्यालय में पढ़ते हैं। फिर भी टीचर क्यों रोज हमें, होम वर्क देते हैं। घर में माँ-पिताजी ने भी, ट्यूशन रख कर दुखी किया। ऊपर से इस होम वर्क ने, खेल शाम का बन्द किया। सूरज आने से पहले ही, माता जी ने उठा दिया। बचा हुआ जो होम वर्क था, करने के लिए बिठा दिया। पढ़कर टीचर से भी मुझे, समझ कुछ नहीं आता है। कॉपी पर लिखकर रटते, मेरा सिर दुख जाता है। यह शिक्षा रहने वाली है, आगे काम न आएगी। लगता है हम बच्चों का यह, बचपन छीन कर ले जाएगी। ~अज्ञात #ACP #ImagethroughmyEyes |
"आप thegirl को नहीं बना रहे, thegirl आपको बना रही है" गाँव का पुल अभी हाल ही में मैं राँची में था. वहाँ भू-वैज्ञानिक व प्रोफेशर नीतीश प्रियदर्शी से मुलाक़ात के बाद मेरे उत्साहित बोल पे मेरे एक दोस्त ने कहा, "जैसे जैसे thegirl की जर्नी आगे बढ़ती जा रही है ऐसा जान पड़ता है आप thegirl को नहीं बना रहे, यह फ़िल्म आपको बना रही है" लौटते हुए मैने प्रोफ़ेसर नीतीश प्रियदर्शी का एक फ़ोटो ले लिया. वे सही कह रही थी. पिछले साल भर में thegirl के सिलसिले में जाने अनजाने मेरा बहुत लोगों से मिलना हुआ, और उनसे मिलना कुछ ऐसा ही रहा जैसे कि सबकुछ thegirl की भूमिका में ही पहले से तय थी. thegirl की जर्नी लगभग डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी. उन दिनों मैं सिक्किम में था. गंगटोक में दो दिन हुए थे. एक शाम मैं वहीं एक होटल से खाना खाकर निकल रहा था. होटल एमजी मार्केट में था और ठीक सामने ही एक बीयर बार. मैने सोचा अंदर हो लिया जाए. बार के गेट को मैंने जोड़ से धक्का दिया, जैसे ही गेट खुला, तेज़ आवाज़ में संगीत मेरे कानों में पड़ी. मैं अंदर जाकर इधर उधर देखता हुआ एक जगह बैठ गया, साम
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