ये बातचीत हाल ही में thegirl_film के लिए हुए तीन दिवसीय प्रोग्राम "गोंतरी" से ली गयी है जब आर्यन अपनी बात रखने खजूराहों गए थे. कार्यक्रम का आयोजन सुहानियो के प्रयास से हुआ था जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों से लगभग पंद्रह से ज़्यादा लोगों ने भाग लिया. बातचीत का यह हिस्सा सेसन में बताए गए आर्यन के अनुभव व बाद के उनसे कुछ ज़रूरी सवाल जवाब पर आधारित है और पूरी तरह व्यक्तिगत है. आर्यन, आपने कहा कि आपने अपनी जीवन में केवल मैकलोडगंज की यात्रा की जो टूरीस्ट स्पॉट थी. इसके बाद आप कभी ऐसी जगहों पे नहीं गए. तो ऐसी जगहों से आपका क्या मतलब है? मैंने अपना एक लम्बा वक़्त दिल्ली में रहते हुए आर्ट के अलग अलग माध्यम को समझने में लगाया था और जब मेरे अंदर यात्रा करने की इक्छा जगी तो ऐसा था कि मैं यात्रा अपनी तरह की आर्ट को समझने के लिए करना चाहता था. वो कुछ था जिसके लिए मुझे एक माध्यम या कहें कि आवाज़ की ज़रूरत थी. और कई तरह के आर्ट फ़ेस्ट में घूमते जाते हुए मानसिक तौर पर मैं बहुत यात्रा कर चुका था पर जब मैंने शारीरिक तौर पर यात्रा शुरू किया तो संयोग से दोस्तों के साथ मै...
चप्पा-चप्पा...मंजर-मंजर...